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Ethanol Production: चावल और गन्ने के रस से इथेनॉल बनाने की मंजूरी, सरकार का बड़ा फैसला

इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी

Ethanol Production: चावल और गन्ने के रस से इथेनॉल बनाने की मंजूरी, सरकार का बड़ा फैसला

इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी

Khet Tak, New Delhi, भारत सरकार ने इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) के स्टॉक से 23 लाख टन चावल को इथेनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है। इसके साथ ही, गन्ने से जुड़े उत्पादों से इथेनॉल बनाने पर लगी रोक को भी हटा लिया गया है। इन फैसलों से न केवल इथेनॉल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।

सरकार ने हाल ही में इथेनॉल उत्पादन के लिए FCI के स्टॉक में रखे चावल को इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। इथेनॉल उत्पादक अब FCI की ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत आयोजित नीलामी में भाग लेकर चावल खरीद सकते हैं। इस चावल का उपयोग इथेनॉल उत्पादन के लिए फीड स्टॉक के रूप में किया जाएगा, जो इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है। अक्टूबर 2024 से इस चावल से इथेनॉल का उत्पादन शुरू किया जा सकता है।

पिछले साल दिसंबर में चीनी उत्पादन में संभावित गिरावट के कारण सरकार ने गन्ने के रस, सीरा (Molasses), बी-हैवी और सी-हैवी मोलेसेस से इथेनॉल उत्पादन पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब, सरकार ने इस रोक को हटा लिया है, जिससे चीनी मिलें और डिस्टीलरीज फिर से गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन कर सकेंगी। यह निर्णय इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 के लिए लिया गया है, जिससे इथेनॉल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।

सरकार ने पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण दर को 2025 तक 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जो वर्तमान में 13% के स्तर पर है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार लगातार इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने चावल और गन्ने से जुड़े उत्पादों से इथेनॉल बनाने की मंजूरी दी है, जिससे देश में इथेनॉल की आपूर्ति में सुधार होगा।

पिछले साल चीनी उत्पादन में संभावित कमी के कारण सरकार ने चीनी के निर्यात पर रोक लगा दी थी और इसे प्रतिबंधित सूची में शामिल कर दिया था। हालांकि, चीनी उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि देश में पर्याप्त चीनी का भंडार है और इसे निर्यात की अनुमति मिलनी चाहिए। आगामी चीनी उत्पादन सीजन में अच्छे उत्पादन की उम्मीद करते हुए, उद्योग ने निर्यात की अनुमति की मांग की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 को देश में चीनी का शुरुआती स्टॉक 57 लाख टन था, जिसमें 30 लाख टन का सरप्लस भी शामिल है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि 2023-24 के चीनी सीजन के अंत तक कुल स्टॉक लगभग 85 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो देश की सामान्य जरूरतों से काफी अधिक है। इस स्थिति में, चीनी का पर्याप्त भंडार बना रहेगा, जो इथेनॉल उत्पादन के लिए अनुकूल परिस्थितियां प्रदान करेगा।

केंद्र सरकार के इन कदमों से इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकेगा और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

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